सनातन धर्म क्या है?

विश्व का सबसे प्राचीन, वैज्ञानिक और समग्र जीवन दर्शन

सनातन धर्म का सम्पूर्ण परिचय - विडियो में समझें

सनातन धर्म की परिभाषा

"सनातन" का अर्थ है - शाश्वत, नित्य, अनादि और अनंत

"धर्म" का अर्थ है - जो धारण करे, जीवन को सही दिशा दे

सनातन धर्म = शाश्वत जीवन पद्धति

सनातन धर्म कोई "धर्म" नहीं है जैसा आज हम समझते हैं। यह एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन है, एक वैज्ञानिक जीवन पद्धति है जो मनुष्य को जन्म से मृत्यु तक, और मृत्यु के बाद भी मार्गदर्शन देती है।

"धारणाद् धर्म इत्याहु: धर्मो धारयते प्रजा:" - महाभारत
"जो धारण किया जाए वह धर्म है, धर्म प्रजा को धारण करता है।"

सनातन धर्म क्या नहीं है?

पहले समझें कि सनातन धर्म क्या नहीं है:

सनातन धर्म के चार मूल स्तंभ

वेद

सर्वोच्च ज्ञान का भंडार, अपौरुषेय (मनुष्य रचित नहीं), श्रुति परंपरा

धर्म

नैतिकता, कर्तव्य, सत्य और अहिंसा का मार्ग, सामाजिक व्यवस्था

कर्म

कार्य-कारण का नियम, पुनर्जन्म, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग

मोक्ष

जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार, परमानंद की प्राप्ति

चार वेद: ज्ञान का आधार

वेद सनातन धर्म के सबसे प्राचीन और मूल ग्रंथ हैं। ये चार हैं:

ऋग्वेद

सबसे प्राचीन, 1028 सूक्त, देवताओं की स्तुति, ब्रह्माण्ड विज्ञान

यजुर्वेद

यज्ञ विधियाँ, कर्मकाण्ड, धार्मिक अनुष्ठानों का विस्तृत विवरण

सामवेद

संगीतमय मंत्र, ऋग्वेद के सूक्तों का संगीतमय रूप

अथर्ववेद

जादू-टोना, चिकित्सा, दैनिक जीवन, लोक परंपराएँ

मुख्य अवधारणाएँ

1. आत्मा और परमात्मा

सनातन धर्म मानता है कि हर प्राणी में आत्मा है जो अमर है। यह आत्मा परमात्मा (ब्रह्म) का ही अंश है। मोक्ष इसी एकत्व की प्राप्ति है।

2. चार पुरुषार्थ

मानव जीवन के चार लक्ष्य:

3. चार आश्रम

जीवन के चार चरण:

ऐतिहासिक कालक्रम

अनादि

वैदिक काल

वेदों की रचना, सबसे प्राचीन सभ्यता, सिन्धु घाटी सभ्यता

1500 BCE

उपनिषद काल

दार्शनिक विचारों का विकास, आत्मा-परमात्मा की अवधारणा

500 BCE

पुराण और इतिहास

रामायण, महाभारत, पुराणों की रचना, भगवद्गीता

आज तक

निरंतर विकास

आदि शंकराचार्य, रामानुज, मध्यकालीन संत, आधुनिक युग

आधुनिक युग में प्रासंगिकता

सनातन धर्म आज भी उतना ही प्रासंगिक है:

सनातन धर्म के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सनातन धर्म और हिन्दू धर्म में क्या अंतर है?
"हिन्दू धर्म" शब्द बाहरी लोगों द्वारा दिया गया है (सिन्धु नदी के किनारे रहने वाले लोग)। "सनातन धर्म" मूल नाम है जिसका अर्थ है शाश्वत धर्म। हिन्दू धर्म सनातन धर्म का ही एक रूप है जो विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में विकसित हुआ।
सनातन धर्म में कितने देवी-देवता हैं?
सनातन धर्म मानता है कि एक ही परम सत्ता अनेक रूपों में प्रकट होती है। मुख्य रूप से त्रिदेव - ब्रह्मा (सृष्टि), विष्णु (पालन), महेश (संहार)। 33 कोटि (प्रकार) के देवी-देवताओं का उल्लेख है जो प्रकृति के विभिन्न तत्वों और शक्तियों के प्रतीक हैं।
सनातन धर्म में महिलाओं की क्या स्थिति है?
वैदिक काल में महिलाओं को उच्च स्थान प्राप्त था - गार्गी, मैत्रेयी जैसी विदुषियाँ, विवाहित महिलाएँ यज्ञ में भाग लेती थीं। समय के साथ कुछ प्रथाएँ विकृत हुईं। वास्तविक सनातन धर्म नारी को देवी के रूप में पूजता है - सरस्वती (ज्ञान), लक्ष्मी (समृद्धि), दुर्गा (शक्ति)।
क्या कोई भी सनातन धर्म अपना सकता है?
हाँ, सनातन धर्म किसी भी व्यक्ति के लिए खुला है। इसमें धर्म परिवर्तन की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। आप सनातन सिद्धांतों को अपनाकर, ग्रंथों का अध्ययन करके, और उचित आचरण से सनातन धर्मी बन सकते हैं। यह जन्म आधारित नहीं, बल्कि विचार और आचरण आधारित है।
क्या सनातन धर्म विज्ञान के साथ संगत है?
बिल्कुल! सनातन धर्म विज्ञान पर आधारित है:
  • ब्रह्माण्ड विज्ञान: बिग बैंग थ्योरी से मेल खाती हुई सृष्टि की अवधारणा
  • क्वांटम भौतिकी: सब कुछ ऊर्जा है - यही अद्वैत सिद्धांत है
  • आयुर्वेद: समग्र चिकित्सा प्रणाली
  • योग: मन-शरीर संबंध का विज्ञान
  • ज्योतिष: खगोलीय गणना और ग्रहों का प्रभाव
सनातन धर्म विश्व को क्या दे सकता है?
  • शांति: "वसुधैव कुटुम्बकम्" - पूरी पृथ्वी एक परिवार है
  • सहिष्णुता: "एकं सत् विप्रा बहुधा वदन्ति" - एक सत्य को विद्वान अलग-अलग नामों से पुकारते हैं
  • पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति पूजा, सभी जीवों में देवत्व देखना
  • आंतरिक शांति: योग और ध्यान द्वारा मानसिक स्वास्थ्य
  • नैतिकता: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का संतुलन

सामान्य भ्रांतियाँ और सत्य

भ्रांतियाँ:

सत्य:

सनातन धर्म कैसे अपनाएँ?

  1. अध्ययन: वेद, उपनिषद, गीता का अध्ययन करें
  2. सदाचरण: सत्य, अहिंसा, दया, करुणा का पालन करें
  3. ध्यान: नियमित ध्यान और योग अभ्यास करें
  4. सेवा: समाज और प्रकृति की सेवा करें
  5. संतुलन: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का संतुलन बनाए रखें
  6. सहिष्णुता: सभी धर्मों और मार्गों का सम्मान करें

सनातन ज्ञान को जीवन में उतारें

सनातन धर्म कोई धर्म नहीं, जीवन जीने की कला है। इसे आजमाएँ और देखें जीवन कैसे बदलता है।

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